Sad news today: AIR INDIA PLANE CRASH this morning.

Flight AI 171, an Air India Boeing 787‑8 Dreamliner (tail number VT‑ANB), departed Ahmedabad Airport at 1:38 p.m. IST on June 12, 2025, bound for London Gatwick
Just seconds after takeoff—only about 30 seconds into flight and at roughly 625 feet altitude—the aircraft crashed into a residential area near a medical college and hostel in Meghani Nagar
242 people were on board (230 passengers, 12 crew)
Tragically, 241 people died, including nearly all onboard and some on the ground (such as medical students), with one confirmed survivor, a British national named Vishwash Kumar Ramesh, seat 11A
The crash site erupted in a massive fire fueled by the aircraft’s ~125,000 liters of fuel, making rescue nearly impossible
Emergency services, armed forces, ambulances, and firefighters arrived within minutes; roads were shut for rescue and recovery efforts .
Indian officials, including Civil Aviation Minister Ram Mohan Naidu Kinjarapu and Home Minister Amit Shah, swiftly responded. An inquiry has been launched by the Aircraft Accident Investigation Bureau (AAIB), with international teams from the UK’s AAIB and the U.S. NTSB also involved
Survivor Vishwash described hearing a sudden loud noise and then seeing the crash unfold in seconds. He escaped by jumping from the emergency exit and ran to safety amid wreckage and smoke
My thoughts & prayers are with everyone affected; here is a write up written by a friend which explains my pain !! (it is in written in Hindi)
आज का दिन मेरे मन मे एक गहरा असर छोड़ गया… जैसा कि पिछली पोस्ट में भी लिखा था हार्ड अटेक से अपने विदा ले रहे थे और आज अभी जैसे ही अहमदाबाद पहुच आज के हादसे से पुनः कुछ लिखने को मजबूर हो गया
में आज दोपहर 1:25 बजे सूर्यनगरी एक्सप्रेस से मुंबई से लाडनूं के लिए रवाना हुआ था। यात्रा सामान्य थी… ट्रेन की हलचल, बाहर भागते दृश्य, में मोबाइल में कुछ करने वाले कार्यों की सोच को मोबाइल में लिख रहा था।
जैसे ही ट्रेन बोरीवली स्टेशन पार कर रही थी,अचानक संघ सेवक ग्रुप में एक ब्रेकिंग न्यूज़ दिखाई दी। सलिल को पहले तो लगा कोई सामान्य खबर होगी…पर जैसे ही पूरी पोस्ट पढ़ी और तुरंत मोबाइल पर न्यूज़ देखी, शरीर में सिहरन दौड़ गई…
कभी सोचा नहीं था…कि एक सामान्य-सी यात्रा जीवन की अंतिम यात्रा बन जाएगी। बड़े उत्साह, सपनों और उमंगों के साथ 242 लोग भारत से लंदन के लिए एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर विमान से रवाना हुए थे—
किसी को नई शुरुआत करनी थी, किसी को अपनों से मिलने जाना था, किसी को केवल कुछ दिन की छुट्टियाँ बितानी थीं… लेकिन…वह हवाई जहाज़ 2मिनीट में ही गिर गया।
और वो भी—एक मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल और मेस पर, जहाँ डॉक्टर और नर्सें अपने कर्तव्यों में रत थे। वे जो दिन-रात दूसरों की ज़िंदगी बचाने में लगे रहते हैं, वे स्वयं जीवन से हाथ धो बैठे…एक पल में सैकड़ों परिवार उजड़ गए, सपने राख हो गए, एक ही पल में सब कुछ ख़त्म। और पूरा देश शोक में डूब गया।
ना कोई चेतावनी, ना कोई समय—बस एक क्षण और जीवन की सारी योजनाएँ, सारी प्लानिंग, सारे सपने—मिट्टी में मिल गए।
सलिल के मन में एक अजीब-सी खामोशी छा गई… ट्रेन चलती रही, पर मेरे और साथ के सहयात्री के भीतर शोक में डूब चुके थे । सलिल ने अहमदाबाद में छोटे भाई से बात की और घटना की जानकारी प्राप्त की कोई अपना तो नही है उनमें। जीवन की अनिश्चितता इतनी निकट से महसूस कभी नहीं हुई थी।
और तब… एक चमत्कार हुआ!
और उसी बीच एक चमत्कार की खबर भी आई— रमेश विश्वास, जो उसी विमान में 242 यात्रियों में से एक थे—
चमत्कारिक रूप से बच गए। शायद ये कर्मों की गहराई थी… या पूर्व जन्म की कोई पुण्याई,
जो उन्हें मृत्यु के दरवाज़े से लौटा लाई।
यह पूरी घटना सलिल के लिए जैसे एक सशक्त संदेश बन गई— कि इस जीवन में कुछ भी निश्चित नहीं है…लेकिन कर्म अवश्य निश्चित है। धन, पद, परिवार, ऐश्वर्य—कुछ भी उस क्षण जीवन को नहीं बचा सकता, सिवाय पुण्य और धर्म के।
इसलिए…
कल की प्रतीक्षा मत करो, आज ही धर्म का दीपक जलाओ।
जब तक पुण्यकर्म का उदय है, जब तक सांसें चल रही हैं।
क्योंकि कौन जाने…अगला क्षण हमारा है भी या नहीं? 🙏
सभी दिवंगत आत्मा के प्रति हार्दिक श्रद्धांजलि।




Indeed a sad news to digest, May the deceased souls find peace 🙏🏽
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So true
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So sad!
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