पिता का कंधा

एक बेटे ने अपने पिता से पूछा :

पिताजी आपने कभी गौर किया है कि, जब माँ मुझे अपनी गोद मे उठाती है तो वो मुझे अपनी कमर के पास रखती है, लेकिन जब आप मुझे उठाते हो तो अपने कंधे पर बैठा लेते हो। भला ऐसा क्यों ??

उसके पिता मुस्कुराए और जवाब दिया :

बेटा माँ चाहती है कि उसकी सन्तान की नज़र वहाँ तक जाए जहाँ तक वो स्वयं देख सकती है..
जबकि एक पिता चाहता है कि उसकी संतान वहां तक देख सके, जहाँ तक स्वयं उसकी खुद की नज़र नही पहुँच सकती !!

एक पिता हमेशा चाहता है उसकी संतान की जिंदगी उससे भी ज्यादा आगे बढ़े और वोह पिता से भी ज्यादा नाम कमाए ।

चाहे माँ हो या पिता, दोनों ही अपनी औलाद को जिंदगी में खुशहाल और सफल देखना चाहते हैं ।


4 thoughts on “पिता का कंधा

  1. dailyjotter2's avatar

    Nicely said. With mother’s its mostly love and father’s its about making an entry into the world .

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  2. dailyjotter2's avatar

    🙏

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  3. Chanda Jhaveri's avatar

    Fact in your words for Papa and Maa.
    Thanks Jijaji….

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