Poetry – Shayari

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कुछ तो चाहत रही होगी इन बारिश की बूंदों की भी,
वरना कौन गिरता है इस ज़मीन पर, आसमान तक पहुँचने के बाद।
~ गुलज़ार


दोस्ती
दोस्त ऐसे बनाओ , जो सिर्फ सलाह नहीं, साथ भी दिया करे

कुछ रिश्ते खून के होते हैं, कुछ रिश्ते पैसे के होते हैं
जो लोग बिना रिश्ते के ही रिश्ते निभाते हैं, शायद वही दोस्त कहलाते हैं।

दुख बहुत होगा जब हम छोड़ के जाएंगे, तड़पेंगे बहुत मगर आंसू नहीं आयेंगे
जब साथ कोई ना दे तो हमें पुकार लेना ऐ दोस्त, आसमान पर होंगे तो भी लौट के आएंगे।


आँसू

मत पूछो ये इश्क कैसा होता है, बस यहीं समझ लीजिए , जो रूलाता है ना, उसे ही गले लगाकर रोने को जी चाहता है। 

हमें क्या पता था मौसम ऐसे रो पड़ेगा, हमने तो आसमान को बस अपनी दास्तां सुनाई थी।

जिनके प्यार बिछड़े है, उनका सुकून से क्या ताल्लुक़,  उनकी आँखों में नींद नहीं, सिर्फ आँसू आया करते है।

सोंचा ही नहीं था जिंदगी में ऐसे भी फ़साना होगा, रोना भी जरुरी होगा और आंसू भी छुपाने पड़ेंगे।

आंसुओं की कीमत वो क्या जाने,  जो हर बात पे आंसू बहाते है, इसकी कीमत तो उनसे पूंछो, जो ग़म में भी मुस्कुराते है। 

काश बनाने वाले ने हमको आँसू बनाया होता, और मेहबूब की आँखों में बसाया होता,
जब गिरते उनकी आँखों से उनकी ही गोद में, तो मरने का मज़ा कुछ अलग ही आया होता। 


  • किसी की आदत लगने में वक़्त नहीं लगता …
    पर आदत को ख़त्म करने में ज़िंदगी निकल जाती है ।
    ( – गुलज़ार )
  • अजीब दस्तूर हैं जमाने का ..
    अच्छी यादे पेन ड्राइव में , और बुरी यादें दिल मे रखते हैं.
    आप जगह बदल दो , ज़िन्दगी बहतेरीन बन जाएगी…

  • खुदा हर जगह मौजूद नहीं रह सकता था , इसलिए उसने मां बनाई
    सैकड़ों बार सुनी है ये कहानी 
    लेकिन आगे की कहानी किसी ने नहीं सुनाई , आज मैं सुनाता हूं …
    ऐसा नहीं कि मां को बना कर खुदा बहुत खुश हुआ या उसने कोई जश्न मनाया 
    सच तो ये है कि वो बहुत पछताया.. कब ? 
    उसका एक एक जादू किसी और ने चुरा लिया वो जान भी नहीं पाया
    खुदा का काम था मोहब्बत, वो मां करने लगी
    खुदा का काम था हिफाजत, वो मां करने लगी 
    खुदा का काम था बरकत, वो भी मां करने लगी 
    देखते ही देखते उसकी आँखों के सामने कोई और परवरदिगार हो गया 
    वो बहुत मायूस हुआ, बहुत पछताया 
    क्योंकि मां को बनाकर खुदा बेरोजगार हो गया। 

    ( – मनोज मुंतशीर )
  • कौन बताता है समंदर का रास्ता नदी को, जिसे मंजिल का जुनून है वो मशवरा नहीं लेते।
    ( ~ गौरव उपाध्याय )
  • बहुत छाले थे उसके पैरों में, कमबख़्त उसूलों पर चला होगा !
    ( ~ गुलज़ार )
  • अपनी हकीकत से वाकिफ हूं मैं…
    मुझे किसी के नज़रिए से फर्क नहीं पड़ता!!!
  • जिम्मेदारियां मजबूर कर देती है अपना शहर छोड़ने को…,
    वरना कौन अपनी गली में जीना नहीं चाहता.

    हसरतें आज भी खत लिखती है मुझे…
    पर मैं अब पुराने पते पर नहीं रहता..!!
  • मंज़िल मिल भी जाए तो लौट आऊंगा,
    सफ़र अपनी जगह हैं घर अपनी जगह !
  • मैंने सिर्फ तुम्हारे कदम गिने थे, तुम्हारे कदमो की आहट सुनी थी..
    तुमने आना छोड़ दिया, लेकिन मैंने इंतज़ार करना नहीं छोड़ा.
  • थोड़ा थक गया हूँ, दूर निकलना छोड़ दिया है, पर ऐसा नहीं है कि मैंने चलना छोड़ दिया है,
    रिश्तों मैं दूरी और फासले बढ़ गए हैं, पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनों से मिलना छोड़ दिया है.

    हाँ जरा सा अकेला हूँ. दुनिया की इस भीड़ में, पर ऐसा नहीं है कि मैंने अपनापन छोड़ दिया है.
    याद करता हूँ अपनों को, परवाह भी है मन में, बस कितनी परवाह करता हूं,
    कितना याद करता हूँ, ये बताना छोड़ दिया है, ये जताना छोड़ दिया है…
  • तुमने तो कहा था, हर शाम हाल पुछेंगे तुम्हारा.. तुम बदल गए हो या तुम्हारे शहर में शाम नहीं होती ?


  • Return Ticket तो कन्फर्म है
    इसलिए मन भरकर जियें, मन में भरकर ना जियें..
    छोडिये शिकायत, शुक्रिया अदा कीजिये..
    जितना है पास, पहले उसका मजा लीजिये..
    चाहे जिधर से गुजरिये, मीठी सी हलचल मचा दीजिये,
    उम्र का हर एक दौर मजेदार है, अपनी उम्र का मजा लीजिये..
    क्योंकि, Return Ticket तो कन्फर्म है

वैसे तो मैंने इश्क़
बड़ी शिद्दत से छुपा रक्खा था
घरवालों से……

मगर इक दिन
छाता बंद करते हुए
मेरा बायाँ भीगा कांधा देखकर
माँ ने कहा,

“कभी घर भी ले आओ उसे “……


  • उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़, वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है

  • जाकी रही भावना जैसी प्रभु मूरत देखी तिन तैसी…
  • मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, ना मानो तो बहता पानी
    जो स्वर्ग ने दी धरती को, में हूँ प्यार की वही निशानी,
    कोई वजु करे मेरे जल से, कोई सूरज को नहलाये
    कही धोबी कपड़े धोए, कही पंडित प्यास बुझाए
    ये जात धर्म के झगड़े, इंसान की है नादानी
    मानो तो मैं गंगा माँ हूँ, न मानो तो बहता पानी

  • कौन कहता है कि, हम झूठ नहीं बोलते, एक बार हमारी खैरियत पूछकर तो देखिये.
  • आदतन तुमने वादे कर दिए, और आदतन हमने ऐतबार कर दिया. (- गुलज़ार)
  • आइना देखकर तसल्ली हुई, हम को भी इस घर में जानता है कोई. (- गुलज़ार)
  • समंदर न सही पर एक नदी तो होनी चाहिए, तेरे शहर में ज़िंदगी कहीं तो होनी चाहिए।
  • इक टूटी-सी ज़िंदगी को समेटने की चाहत थी, न खबर थी उन टुकड़ों को ही बिखेर बैठेंगे हम।
  • फिक्र है सबको खुद को सही साबित करने की, जैसे ये ज़िंदगी, ज़िंदगी नहीं, कोई इल्जाम है।
  • हमने अक्सर तुम्हारी राहों में रुक कर, अपना ही इंतज़ार किया.. (- गुलज़ार)
  • जब भी ये दिल उदास होता है, जाने कौन आस पास होता है..

खौफ ने सड़कों को वीरान कर दिया, वक़्त ने जिदंगी को हैरान कर दिया…
काम के बोझ से दबे हर इंसान को आराम के अहसास ने भी परेशान कर दिया..!!


  • आप की याद में रोऊँ भी न मैं रातों को, हुँ तो मजबूर मगर इतना भी मजबूर नहीं
  • दिल को हर लम्हा बचाते रहे जज़्बात से हम, इतने मजबूर रहे हैं कभी हालात से हम
  • मेरा इलाज ये है कि मजबूर कर दिया जाऊँ.., वरना यूँ तो किसी की नहीं सुनी मैं ने
  • बाग़ में लिखा था एक तख़्ती पर, कोई भी फूल मत तोड़े..,
    मगर आँधी जो आयी, वो तो अन-पढ़ थी, सो जब वो बाग़ से गुज़री ,
    कोई फूल उखड़ा , कोई फूल टूटा , लगता है ख़िज़ाँ के आख़िरी दिन थे

ज़िन्दगी के सफ़र में गुज़र जाते हैं जो मकाम, वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते

फूल खिलते हैं, लोग मिलते हैं, लोग मिलते हैं मगर
पतझड़ में जो फूल मुरझा जाते हैं, वो बहारों के आने से खिलते नहीं
कुछ लोग एक रोज़ जो बिछड़ जाते हैं, वो हजारों के आने से मिलते नहीं
उम्र भर चाहे कोई पुकारा करे उनका नाम, वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते

आँख धोखा है, क्या भरोसा है, आँख धोखा है, क्या भरोसा है सुनो
दोस्तों शक दोस्ती का दुश्मन है, अपने दिल में इसे घर बनाने न दो
कल तड़पना पड़े याद में जिनकी, रोक लो रूठ कर उनको जाने न दो
बाद में प्यार के चाहे भेजो हजारों सलाम, वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते

सुबहो आती है, रात जाती है, सुबहो आती है, रात जाती है यूँ ही
वक़्त चलता ही रहता है रुकता नहीं, एक पल में ये आगे निकल जाता है
आदमी ठीक से देख पाता नहीं, और परदे पे मंज़र बदल जाता है
एक बार चले जाते हैं जो दिन-रात, सुबहो-शाम, वो फिर नहीं आते, वो फिर नहीं आते


Film : Aap Ki Kasam | Singer : Kishore Kumar | Lyrics : Anand Bakshi | Music by : R.D.Burman | https://youtu.be/eguJdX9igJE


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