
दोस्तों, नमस्ते!
ये दिन सिर्फ एक तारीख नहीं है, ये दिन है हर उस महिला को सलाम करने का, जिसने अपनी मेहनत, हिम्मत और प्यार से इस दुनिया को और भी खूबसूरत बनाया है।
याद है, जब हम छोटे थे, तो हमारी माँ हमें कहानियाँ सुनाती थीं, हर मुश्किल में हमारा साथ देती थीं? वो हमारी पहली टीचर, हमारी पहली दोस्त थीं। और सिर्फ माँ ही नहीं, हमारी बहनें, हमारी दादी, हमारी नानी, हमारी टीचर्स, हमारी दोस्तें, हर महिला ने हमें कुछ न कुछ सिखाया है।
आज हम उन सब महिलाओं को याद करते हैं, जिन्होंने अपनी सीमाओं को तोड़ा, जिन्होंने समाज की बंदिशों को चुनौती दी, और जिन्होंने अपने सपनों को पूरा किया। चाहे वो कल्पना चावला हों, मदर टेरेसा हों, या फिर हमारी अपनी गली की वो महिला, जो हर दिन संघर्ष करके अपने परिवार को पालती है। हर महिला में एक अलग शक्ति है, एक अलग जज़्बा है।
आज हम ये भी याद करते हैं कि अभी भी बहुत कुछ करना बाकी है। आज भी कई महिलाओं को बराबरी का हक़ नहीं मिलता, उन्हें अपनी आवाज़ उठाने का मौका नहीं मिलता। लेकिन हमें हार नहीं माननी है। हमें एक दूसरे का साथ देना है, एक दूसरे को सहारा देना है।
दोस्तों, महिला दिवस का मतलब सिर्फ फूल और तोहफे देना नहीं है। इसका मतलब है हर दिन महिलाओं का सम्मान करना, उनकी बातों को सुनना, और उन्हें बराबरी का दर्जा देना। हमें एक ऐसा समाज बनाना है, जहाँ हर महिला सुरक्षित महसूस करे, जहाँ उसे अपने सपने पूरे करने का मौका मिले।
तो चलो, आज हम सब मिलकर ये वादा करते हैं कि हम हर महिला का सम्मान करेंगे, उनकी मदद करेंगे, और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे। क्योंकि जब महिलाएँ आगे बढ़ेंगी, तभी हमारा देश, हमारी दुनिया आगे बढ़ेगी।
आप सभी को महिला दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ! धन्यवाद!

