
शाहरुख़ ख़ान की नई फ़िल्म है डंकी।
अनेक लोग कदाचित् डंकी का मतलब ढंग से नहीं जानते। उनके लिए डंकी की कुछ जानकारी।
अमेरिका , कनाडा , इंग्लैंड आदि देशो के लिए या तो लीगल तरीके से आये – पेपर वर्क आदि के साथ। अब यदि क्वालिफाइड नहीं है और पेपर नहीं है ढंग के — तो क्या रास्ता बचता है ? रास्ता केवल कबूतरबाजी और बाकी इललीगल रास्ते का बचता है । चूँकि इन देशो के लीगल सिस्टम अब AI इस्तेमाल कर रहे है – काफी वीसा एप्लीकेशन केवल surname और कुछ और डिटेल देख कर ही कंप्यूटर रिजेक्ट कर देता है तो लोग इन रास्तो को अपना रहे है। रास्ता ये है कि अमेरिका या कनाडा के आसपास आ जाओ फिर चलते हुए बॉर्डर क्रॉस कर लो। लेकिन सवाल है कौन से देश आये ? इस का सबसे आसान तरीका है : गधा अथवा डंकी मार्ग लेना । क्या है ये डंकी रूट ?
भारत में आज अनगिनत एजेंट्स का जाल फैला हुआ है जो आपको बाहर भेजने का दावा करते है ? ये लोग जनता को झांसा दे कर पैसे वसूल करेंगे कि स्टूडेंट वीसा , या कोई और वीसा पर बाहर भेज देंगे । जब रकम ऐंठ लेंगे तो कहेंगे वीसा रिजेक्ट हो गया – वो होगा ही : कारण ऊपर बता दिया । फिर कहेंगे अच्छा, और पैसे दो तो तुम्हे दुसरे रास्ते भेज देंगे । यहाँ से असली गेम शुरू होता है । बीस लाख से ऊपर रकम वसूल करके ये लोग ज्यादातर डंकी रुट से बाहर भेजेंगे।
क्या आपको पता है साउथ अमेरिका महाद्वीप में एक देश ऐसा है जहा जाने के लिए भारतीय नागरिको को वीसा की जरुरत नहीं है। देश है इक्वेडोर। यहाँ दिल्ली से फ्लाइट पकड़ कर इधर आ जाओ। फिर यहाँ से एजेंट आपको एक डोंकर –donker से मिलवाएगा – डोंकर मतलब वो आदमी जो डंकी को गाइड करेगा सरहद पार करवाने में। फिर इक्वेडोर से अगला पड़ाव कोलंबिया देश इललीगल तरीके से। कोलंबिया से पनामा से कोस्टा रिका से निकारागुआ से होंडुरस से गुआटेमाला से मेक्सिको। कुल आठ देशो को इस तरह से पार करएंगे डंकी की तरह चलते हुए। ये रास्ता जंगल रेगिस्तान पहाड़ आदि से होकर गुजरता है । कई जगह पैदल चलना पड़ेगा , कई जगह डोंकर गाडी में लाद कर लें जाएगा। कोलंबिया और पनामा के बीच सौ किलोमीटर का एक बड़ा जंगल है जिसे केवल पैदल पार करना पड़ता है – दरिअन पास : इसे पार करने में दस दिन तक लग जाते है। पूरा डंकी रुट क्लियर करने में ३-६ महीने लगते है।
इसी दौरान यदि किसी देश की पेट्रोलिंग एजेंसी ने अगर पकड़ लिया तो भारत डिपोर्ट कर देंगे । अब चूँकि भारत आने पर कोई केस नहीं कोई सजा नहीं कोई पासपोर्ट जब्त नहीं होगा तो आदमी फिर से ये रुट लेगा । कई लोग दस दस साल तक यह रास्ता लेते रहे – केवल एक बार सफल होने के लिए । तो यदि भारतीय एजेंसी इस बात का संज्ञान लें तो एक अंतर्राष्टीय मुद्दा एक क़ानून बना कर सुलझाया जा सकता है ।
इस रास्ते के दौरान खाना पीना बच्चे आदि बहुत बड़ी मैनेजमेंट के मुद्दे होते है जिसमे एजेंट या डोंकर कोई मदद नहीं करते । लोगो को बहुत लिमिटेड खाना पीना मिलता है । गर्मी के दौरान जब पानी नहीं मिलता तो लोग अपना पसीना तक पीते है। मेक्सिको से अक्सर लोग टेक्सास के रास्ते आते है – फ्लोरिडा में समुद्र के रास्ते नौका , टायर आदि पर आएंगे । कैलिफ़ोर्निया में भी ऐसे कई लोग आते है । कुछ साल पहले एक गुजराती परिवार को एजेंट ने कनाडा तक शाही सफर करवाया था और फिर बर्फीले तूफ़ान में दे पटका था।
ये है डंकी की असली कहानी!

