Pradhan Sewak

साथियों !!
“नींद “
बजरंग बली कभी नहीं सोते !! और लक्ष्मणजी और भरत जी 14 वर्ष नहीं सोये!!

सौजन्य : डॉक्टर शरद ठाकर गुजरात के एक बेहद लोकप्रिय लेखक और पेशे से डॉक्टर हैं..
वीर सावरकर के जीवन पर उनका उपन्यास ‘सिंहपुरुष’ काफी सराहनीय है। एक वर्ष के भीतर इस उपन्यास के चार संस्करण प्रकाशित हुए!!

जब डॉक्टर माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी से मिले, तो उनके साथ उनकी बातचीत इस प्रकार थी…
माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र भाई ने हमारा गर्मजोशी से स्वागत किया….शुरू में मैंने उनसे बस यही पूछा,
“नरेंद्र भाई, आप कैसे हैं…कैसा चल रहा है?”
आम तौर पर ऐसे प्रश्न का सामान्य उत्तर होता हैं “बहुत अच्छा चल रहा है”!!

लेकिन नरेंद्र भाई ने ऐसा नहीं कहा…उन्होंने गंभीरता से कहा, “नहीं…सब कुछ ठीक नहीं है!!
अभी मैं एक साधना कर रहा हूं,नींद पर नियंत्रण पाने के लिए!”
मैंने कहा कि लेकिन जहां तक ​​मैं जानता हूं आप सिर्फ ढाई घंटे ही सोते हैं,तो ऐसा क्यों?

तब उन्होंने कहा…दरअसल मैं ये साढ़े इक्कीस घंटे भी पूरे नहीं पड़ रहे मैं मिस कर रहा हूं.
मैं शून्य निद्रा अवस्था में पहुँचना चाहता हूँ!!
“आपका मतलब तीसरे अंतिम चरण से है”? मैंने कहा.
“तो तुम्हें भी पता है इस बारे में”—नरेंद्र भाई ने कहा!!

मैंने कहा “हां!!
बिल्कुल मैं भी एक साधक हूं!! पर आपके जितना नहीं, लेकिन आपके पीछे पीछे ही हूँ!!

हम सभी जानते हैं कि श्री बजरंगबली कभी नहीं सोते हैं!!
और रामायण में कहा गया है कि भाई लक्ष्मण श्रीराम की कुटिया के बाहर दिन-रात जागते रहते थे!!”
राम-सीता की पर्णकुटी!! चौदह वर्ष के वनवास के दौरान लक्ष्मण एक क्षण के लिए भी नहीं सोये!!

“मैं जानता हूं कि एक क्षण भी न सोना साधना की सर्वोच्च अवस्था है!!”

इसी बीच जब मैंने उनसे हिमालय में उनकी साधना के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा…“हां.. ये सच है!!
मुझे माँ दुर्गा के दर्शन हुए लेकिन उन्होंने मुझे वापस जाकर देश की सेवा करने का आदेश दिया था!

मैंने पूछा, “आप यह शून्य निद्रा अवस्था क्यों चाहते हैं?”

तब उन्होंने बेहद गंभीरता से कहा कि हमारा देश भारत महान है लेकिन इसे सदियों से लूटा गया है!!
मेरे गरीब भाई भ्रष्टाचार की खाई में गिरे हुए हैं…सनातन शक्ति को भूल चुके हैं….मैं उन्हें ऊपर लाना चाहता हूं,उनके गौरवशाली अतीत की याद दिलाना चाहता हूं…इसके लिए मुझे 24 घंटे काम करना होगा..इसीलिये मैं इस शून्य निद्रा अवस्था को प्राप्त करना चाहता हूँ!!”

ये कहते हुए उनकी आंखें डबडबा गईं….और यह सुनते वक्त मेरी भी !!!

मैंने कहा- “आपका नाम आतंकवादियों की सूची में सबसे ऊपर है……ऐसी हालत में आपको डर नहीं लगता ?”

उन्होंने गंभीरता से कहा, “मैं मौत से नहीं डरता!
जिस काम के लिए माँ ने मुझे वापस भेजा है,जब तक वह पूरा न हो जाए,तब तक मुझे कोई नहीं मार सकता और उसके पूरा होने के बाद कोई मुझे बचा नहीं सकता!!

हमने अपने देश में भी देखा है कि ऐसा होने के बाद भी कई कमांडो,अंगरक्षक,जब समय आया तो कोई काम नहीं आ पाते तब तो अचानक मौत आ ही गई है!”

ऐसे हैं हमारे प्रधानमंत्री !
मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो किसी की भी अंधभक्ति करें।’

यहां तक कि एक साधारण मिट्टी का बर्तन खरीदते समय भी हम उसे दो बार थपथपाकर परखते हैं!
और वह तो सिर्फ एक इंसान है…हमारे देश के करोड़ो लोगों ने इतनी परीक्षाओं के बाद उन्हें प्रधानमंत्री चुना है!
और इसलिए मैं उनका सम्मान और समर्थन करता हूं…ऐसे महापुरुष सनातन की धरोहर हैं,जिन्हे संजो कर रखना चाहिये!!

(साभार-रमेश डांगे के मराठी लेख से…और प्राप्त हुआ उड़ चुकी नीली चिड़िया से!)

फिलहाल इस पोस्ट को पढ़कर मुझे कई वर्ष पूर्व लिखी अपनी एक पोस्ट की याद आ गई,जिसमे मैने मोदी की पांच विशेषतायें बताई थीं, जिसका आप सभी सुधी जनो ने बहुत समर्थन किया था….
वास्तव मे मै मोदी को महामानव इसलिये कहता हूं कि मुझे लगता है कि एक तो मोदी की कुंडलिनी जागृत हो चुकी है और दूसरा पूर्ण भरोसा है कि मोदी को शिव और शक्ति के संकेत पर ही अध्यात्मिक शाक्तियों द्वारा सनातन और राष्ट्र की रक्षा हेतु भेजा गया है….
मै यह इसलिये भी कहता हूं कि इस उम्र मे इतनी ऊर्जा,इतनी वाकपटुता,इतना धैर्य,चेहरे पर इतना तेज,विरोधी चालों को समझने का इतना पूर्वाभास,देशी विरोधी मक्कारो की साजिशों को फलीभूत होने से पूर्व सटीक प्रतिउत्तर,इतने के बाद भी चेहरे पर मुस्कराहट……
विश्वास करिये यह किसी साधारण मानव के बस का नही है….कृतघ्न हिंदुओं को याद करना चाहिये 2014 के पहले की परिस्थितियां…जब आतंकवादी घटनाओं,बम विस्फोटों,लूट,खसोट,दलाली,घोटालों के साथ अपने ही देश मे दोयम दर्जे के नागरिक बना दिये गये थे…..अगर वो भयानक समय भूल गये तो विश्वास करिये भविष्य भी आपको भुला देगा….संभाल लो,संजो लो और सुरक्षित रख लो इस सफेद दाढ़ी वाले महामानव को….बड़ी मुश्किल से मिला है…!

प्रणाम !!

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