बचपन

क्या आपने बच्चों की दिनचर्या देखी है, हर वक्त उनके चेहरों पर एक मासूमियत, एक निश्चितता और निखालस खुशी देखी है ?

जरा सोचिए ऐसा क्या होता है बच्चों के जीवन में कि वो हमेशा खुश और ऊर्जा से भरे हुए रहते हैं , जबकि हम हर सामान्य बात मे भी घबराए हुए, मुरझाए हुए, तनावपूर्ण एहसास में ही रहते है । अगर हम हँसते है तो भी हमें लिहाज और माहौल का ध्यान रखना होता है, आँसू भी हमारे आसानी से नहीं निकलते !!

हमारे पास होती है, कभी ना खत्म होने वाली इच्छाएँ, अहम और अपेक्षाएँ !! व्यवसाय और नौकरी का तनाव, धन बढ़ाने की चाह, सामाजिक प्रतिष्ठा , पोजीशन खोने की असुरक्षा, घर – गाड़ी बंगले की इच्छा, मोबाइल पर सतत मौजूद होना, एक अंतहीन दौड़ और ऐसी कई अभिलाषायों की वजह से पूरी ना होती नींद !!

जबकी बच्चों के पास होती है जिज्ञासा, हर क्षण की बेफिक्र ज़िंदगी, खेल, दोस्त, मासूमियत, ज़िद्द, दौड़ना, थकना , खुलकर हँसना, निखालस होकर रोने की आज़ादी, और सबसे महत्वपूर्ण एक चैनभरी गहरी नींद !!!

बच्चों वाली छोटी छोटी ये चीजें अपनी ज़िंदगी से गायब ना होने दो , अपनी ज़िंदगी मे ले आओ, खुशीयाँ अपने आप आपके पास चली आएगी

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